परमपूज्य संत ज्ञानेश्वर (जन्म 1275 ई.) महाराष्ट्र के महान संत, दार्शनिक और भक्त कवि थे। 🙏✨ उन्हें वचनमाला और ज्ञानेश्वरी ग्रंथों के लिए जाना जाता है। ज्ञानेश्वर जी ने भक्तों को भगवान विठोबा और भक्ति के मार्ग पर प्रेरित किया और समाज में सच्ची भक्ति का संदेश फैलाया। 🕉️📿
परमपूज्य संत ज्ञानेश्वर जी का जन्म महाराष्ट्र के अलंदी गाँव में हुआ। 👶🌸 उनके माता-पिता का नाम वसुदेव और रुक्मिणी था। वे बाल्यकाल से ही अत्यंत विद्वान और धार्मिक प्रवृत्ति के थे। भगवान विठोबा के प्रति उनका भक्ति भाव अत्यंत प्रगाढ़ था। 🙏✨
परमपूज्य संत ज्ञानेश्वर जी ने भगवान विठोबा की भक्ति में जीवन समर्पित किया। ✨📖 उन्होंने समाज में समानता, भक्ति और सेवा का संदेश फैलाया। उनका उद्देश्य था कि हर व्यक्ति अपने हृदय में ईश्वर का अनुभव करे और जीवन को धर्म और भक्ति से पूर्ण करे। 🌸🕊️
परमपूज्य संत ज्ञानेश्वर जी की प्रमुख रचनाएँ हैं – ज्ञानेश्वरी और अमृतवाणी। उन्होंने वेदांत और भगवद्गीता का सरल हिंदी/मरा थी भाषा में भावार्थ प्रस्तुत किया। उनके उपदेश और रचनाएँ आज भी भक्तों के लिए जीवन का मार्गदर्शन हैं। ✨📿🪔
परमपूज्य संत ज्ञानेश्वर का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति, ज्ञान और सेवा से ही जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य पूरा होता है।
✨ "ईश्वर भक्ति और ज्ञान से ही मोक्ष की प्राप्ति संभव है" ✨
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हर सनातनी वेदांती का कर्तव्य है कि परमपूज्य संत ज्ञानेश्वर जी के उपदेशों और भक्ति संदेश को अपनाकर समाज में प्रेम, भक्ति और ज्ञान का दीप जलाए। 🪔