पृथ्वीराज चौहान (1166 – 1192) चौहान वंश के महान राजपूत सम्राट थे। वे अजमेर और दिल्ली पर शासन करते थे और अपने समय के सबसे वीर और न्यायप्रिय शासकों में गिने जाते थे। बाल्यकाल से ही पृथ्वीराज साहसी, बुद्धिमान और युद्धकला में निपुण थे। उन्होंने अपने जीवन में राज्य की सुरक्षा, जनता की भलाई और राजपूत गौरव की रक्षा के लिए अनेक संघर्ष किए।
पृथ्वीराज चौहान ने अपने शासनकाल में कई युद्ध लड़े। प्रथम तराइन युद्ध (1191) में उन्होंने मोहम्मद गोरी को पराजित कर यह साबित किया कि भारतीय राजपूत वीरता और साहस में किसी से कम नहीं हैं। उनकी सेना की रणनीति, युद्ध कौशल और नेतृत्व क्षमता अद्भुत थी। इस युद्ध में उनकी वीरता की चर्चा पूरे भारत में फैल गई थी।
द्वितीय तराइन युद्ध (1192) में मोहम्मद गोरी फिर से आया और पृथ्वीराज चौहान इस बार पराजित हुए। उन्हें बंदी बना लिया गया और इस युद्ध में उनकी मृत्यु हुई। इस हार के बावजूद उनकी वीरगाथाएँ आज भी जीवित हैं। राजा पृथ्वीराज रासो में उनके साहस, युद्ध कौशल और मोहम्मद गोरी के खिलाफ संघर्ष का बारीक विवरण मिलता है, जो उन्हें भारतीय इतिहास के अमर योद्धा के रूप में स्थापित करता है।
पृथ्वीराज चौहान केवल योद्धा ही नहीं, बल्कि संस्कृति और साहित्य के प्रेमी भी थे। उनके दरबार में कवि चंद बरदाई और अन्य विद्वानों को सम्मान मिला। उनकी न्यायप्रियता, धर्मपरायणता और वीरता के कारण वे अपने समय के आदर्श शासक माने जाते थे। साथ ही उनकी प्रेमकथा और वीरता का मिश्रण आज भी लोककथाओं और महाकाव्यों में जीवित है।
"पृथ्वीराज चौहान" का नाम इतिहास की अमर गाथाओं में सदा के लिए स्वर्णाक्षरों से अंकित है। वे केवल एक सम्राट नहीं, बल्कि धर्म, साहस और मातृभूमि के सच्चे प्रहरी थे। सच्चे अर्थों में वे "भारत-पुत्र" और "धर्मवीर" थे, जिनकी वीरता की गूँज आज भी हर भारतीय के रक्त में ऊर्जा और उत्साह भर देती है। हे वेदांतियों! शीश झुकाकर नमन करो इस महापुरुष को, जिसने अपनी अंतिम सांस तक धर्म की रक्षा की, और शत्रुओं के सामने कभी झुकना स्वीकार नहीं किया। उनका शौर्य हमें यह सिखाता है कि जब मातृभूमि और धर्म संकट में हों, तब प्राणों का बलिदान भी गौरव बन जाता है। पृथ्वीराज चौहान की अमर गाथा हमें सदैव प्रेरित करती है कि सच्चा जीवन वही है, जो राष्ट्र और धर्म की सेवा में समर्पित हो। उनका पराक्रम कालजयी है, उनकी स्मृति अमर है, और उनका बलिदान भारतीय आत्मा की शक्ति का शाश्वत प्रतीक है।