परमपूज्य गोस्वामी तुलसीदास (जन्म 1532 ई.) एक महान संत, भक्त कवि और हिन्दी साहित्य के अविस्मरणीय स्तंभ थे। 🙏✨ उन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन और आदर्शों का अद्भुत प्रचार किया और भक्ति साहित्य को आम जन तक पहुँचाया। तुलसीदास जी की रचनाएँ प्रेम, भक्ति, नैतिकता और समाज सुधार से ओतप्रोत हैं। 🕉️📿
परमपूज्य तुलसीदास जी का जन्म अयोध्या (या राजापुर/राजापुर काशी के निकट) में हुआ था। 👶🌸 उनके माता-पिता का नाम रमा और रघुनाथ था। बचपन से ही वे ईश्वर-भक्ति में लीन और अतिशय विद्वान थे। बाल्यकाल में ही उनका झुकाव श्रीराम भक्ति और रामकथा के अध्ययन की ओर हुआ। वे भगवान राम के अनन्य भक्त थे। 🙏✨
परमपूज्य तुलसीदास जी ने हिन्दी में अद्वितीय काव्य रचनाएँ लिखीं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं रामचरितमानस, दोहावली और कवितावली। ✨📖 रामचरितमानस ने जनमानस को राम कथा के माध्यम से धर्म, भक्ति और नैतिक मूल्यों से परिचित कराया। उन्होंने समाज में भक्ति की सच्चाई और मानव जीवन में धर्म के महत्व को समझाया। 🌸🕊️
परमपूज्य तुलसीदास जी की रचनाएँ केवल साहित्यिक नहीं, बल्कि जीवन के मार्गदर्शन और मानवता के लिए प्रेरणा हैं। रामचरितमानस को हिन्दी भाषा का महान काव्य माना जाता है और यह आज भी पूजा, कथा और भजन में लोकप्रिय है। उनके भजन और दोहे आज भी भक्तों को राम भक्ति में लीन कर देते हैं। ✨📿🪔
परमपूज्य तुलसीदास का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति, निष्ठा और धर्म पालन ही मानव जीवन का वास्तविक लक्ष्य है।
✨ "राम नाम सत्य है, राम नाम जीवन का दीपक है" ✨
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हर सनातनी वेदांती का कर्तव्य है कि तुलसीदास जी के उपदेशों और रामभक्ति संदेश को अपनाकर समाज में धर्म, भक्ति और नैतिकता का प्रकाश फैलाए। 🪔